रविवार की चाय SANTOSH GUPTA
रविवार की चाय
SANTOSH GUPTAरविवार की चाय
और समाचारों की सुर्खियाँ,
राजनेताओं की बहस
और चुनावी सरगर्मिया।
महागठबंधन की तैयारी
और एकजुटता की रैलियाँ,
सत्ता संग्राम
और विरोधी राजनीतियाँ।
देश की ज़रूरत की किसको फिकर है
भगवा भगाओ का केवल जिकर है,
सरकार बनाना तो अच्छी बात है
सरकार हटाने का ये कैसा हुनर है।
विपक्ष ने विरोध में न छोड़ी कसर है
नकारात्मक सोच का कितना असर है,
जनता देश की समझदार है
फिर सत्ता विरोधी क्यों लहर है।
देश हित में क्यों सोच नहीं है
पार्टीवाद सही नहीं है,
विकास बस एक शब्द रहा है
देश जहाँ था अब भी वहीं है।
एक सरकार हमें बनाना होगा
राष्ट्रीयता का फर्ज निभाना होगा,
जातिवाद और धर्म से बढ़कर
खुशियों से देश सजाना होगा।