बादशाह VIVEK ROUSHAN
बादशाह
VIVEK ROUSHANआँखें हैं पर अच्छा-बुरा
कुछ देख नहीं सकता,
जुबाँ है पर ख़ामोशी
ने उसे जकड़ रखा है,
साँसें चल रही हैं
जिसकी डोर बादशाह के
हाँथों में है, और
बादशाह ने ये फरमान दिया है
कि जिसकी आँखों पर
जितनी देर पट्टी बँधी रहेगी,
जितनी देर कोई झूठ की
तरफ़दारी करता रहेगा,
जितनी देर कोई बादशाह के
चरणों में नत्मस्तक रहेगा, बस
उतनी ही देर उसकी साँसें चलेंगी,
वरन! डोर तो बादशाह के हाँथों में ही है।