श्रद्धांजलि (सुषमा स्वराज)  Vandana Namdev Verma

श्रद्धांजलि (सुषमा स्वराज)

Vandana Namdev Verma

सियासत की दमदार आवाज यूँ खामोश हो जाएगी,
सोचा नहीं, मौत के आगोश में अचानक सो जाएँगी।
दे रहे हैं श्रद्धांजलि सभी, अश्रुपूरित नयनों से आज,
छोड़ कर स्मृतियाँ हज़ार, वो ब्रम्हाण्ड में खो जाएँगी।
 

प्रखर वक्ता, स्वाभिमानी, थीं देश की सम्मान सुषमा,
आदर्श थीं नारी जगत की, देश का अभिमान सुषमा।
थी अनोखी प्रीति उनकी, देश के प्रति कार्य का,
राजनीति में भी रह कर, देश की थीं शान सुषमा।
 

देश की बेटी थीं प्रिय वो, बीजेपी की शिल्पकार वो,
तत्पर हमेशा ही रहीं, करने के लिए परोपकार वो।
दिलों के जीतने का हुनर भी, उनमें अदभुत ही था,
तेजस्वी भी ओजस्वी भी, और स्नेह से सारोबार वो।
 

देकर उनको अंतिम विदाई, हर आँख हो गई है नम,
कह गईं अलविदा दुनिया को, ये वक्त जैसे गया थम,
है देश को हुई ऐसी क्षति, जिसकी भरपाई होगी ना,
जितना कौशल था उनमें, वाणी में उनकी उतना दम।

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