ज़िन्दगी तो है एक सफर जानाँ VIVEK ROUSHAN
ज़िन्दगी तो है एक सफर जानाँ
VIVEK ROUSHANज़िन्दगी तो है एक सफर जानाँ,
अच्छा नहीं होता टूट कर बिखर जाना।
मौत का दिन तो सब के लिए मुकर्रर है,
मौत कब आए है ये किसको खबर जानाँ।
गुलशन में खिले फूलों की सब बातें करें,
काँटों के दर्द से हैं सब बेखबर जानाँ।
दिल में जो दर्द है उसे लेकर हम कहाँ जाएँ,
हमारा दर्द भी अब हो गया है अब्तर जानाँ।
दर्द की महफिलें यहाँ नहीं सजती हैं,
यहाँ कोई नहीं है दर्द का चारागर जानाँ।
भूल कर भी तुमको भूल नहीं पाता "रौशन",
न जाने है ये कैसा तुम्हारा खुमार जानाँ।