बापू तुम्हारा नाम रहेगा  VIKAS UPAMANYU

बापू तुम्हारा नाम रहेगा

VIKAS UPAMANYU

हिंद के सभी बढ़ते कदमों पर
बापू तुम्हारा नाम रहेगा,
किया ऐसा सत्याग्रह तुमने
देश पर हमेशा आपका एहसान रहेगा।
 

थे तुम अटल महानायक आज़ादी के,
तन पे लंगोटी और हाथ में लाठी थी,
देश प्रेम अटूट भरा था,
यही तो महात्मा “गांधी” की आँधी थी।
 

बीसों बार जेल जाकर
अनगिनत लाठिया भी खाकर,
नहीं बदला था तुमने अपना पथ,
माने थे तुम आज़ादी हर हाल दिलाकर।
 

प्रेम अहिंसा के तुम रखवाले
तुम्हारे प्रण को सब जग जाने,
कसम खाई माँ भारती की तुमने,
हिंद को आज़ाद करा कर ही माने।
 

कहता है “उपमन्यु” सभी से,
माँ भारती का सभी गुणगान करो,
आज़ाद हो तुम आज जिसके कारण,
उस “राष्ट्रपिता” का हर हाल का सम्मान करो।

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