नारी - शक्ति का प्रतीक Neeraj Kumar
नारी - शक्ति का प्रतीक
Neeraj Kumarएक स्त्री के बिना हर जीवन अधूरा है,
एक स्त्री के संग हर जीवन पूरा है।
स्त्री तो धूप है, स्त्री तो छाँव है,
सूने घर को खुशियों से भरे
जब-जब आँगन में पड़े उसके पाँव हैं।
यूँ तो गुज़रता उसका जीवन बंदिशों के आंगन में,
मगर फिर भी कुछ ना कहती और
रखती सबको बाँध अपने दामन से।
नारी तो अपने आप में एक ताकत है, एक अभिमान है,
नज़रें उठा कर देख तू ज़रा आज
नारी हमारी हिम्मत, हमारा सम्मान है।
वो चाहे तो अपनी ताकत से सारी दुनिया का बोझ उठा ले,
वो चाहे तो सबकी अंधेरी ज़िन्दगी में उम्मीद का अफताब ला दे।
और ये कहना बिल्कुल ठीक होगा
एक नारी हमारी खुशियों का अर्श होती है,
और एक नारी मोहब्बत और त्याग का सुनहरा स्पर्श होती है।