कौन?  Aman Pandey

कौन?

Aman Pandey

वीरों का वो काल गया,
अब देश पर मरता कौन?
बहादुरों का समय है ये,
सरकार से डरता कौन?
 

वो बीच राह पर मर गया,
मदद किसी की करता कौन?
झुण्ड ने कहा लाख हैं झंझट,
फीस, फॉर्म सब भरता कौन?
 

इंसानियत तो छोड़ो भई,
अपने हक़ को लड़ता कौन?
मन्दिर जाना त्याग दिया,
१०८ सीढ़ियाँ चढ़ता कौन?
 

कतार में अनबन पे चीखा,
"ये दलितों से सटता कौन?"
वो गया अचानक जा आगे लग,
कह, "बिन पैसों के पटता कौन?"
 

हर आशिक है नस काट रहा,
रब की दी ज़िन्दगी सोचे कौन?
वो जननी जिसने कोख में पाला,
उस माँ के आँसू पोंछे कौन?
 

(जो ज़िन्दा हैं वो कमाल नहीं)
वृद्धाश्रम में छोड़ा उनको,
होंगे इतने ओछे कौन?
बोल उन बुड्ढों पर हरदम,
अपना माथा नोचे कौन?
 

(मज़े की बात कही उसने)
क्यों दिल पर लेते हो सबकुछ,
इन बातों से सड़ता कौन?
व्यर्थ गँवा रहे हो समय,
ये २२ पंक्तियाँ पढ़ता कौन?
 

बात तो उसकी ठीक ही थी,
सही बात पर लड़ता कौन?
पर खड़ा रहा मैं घंटों वहीं कि
कान पर इनके जड़ता कौन?

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