शेष  Shambhu Amalvasi

शेष

Shambhu Amalvasi

वो वीज़, गांजा, सिगरेट
बियर ,दारू सब पीती है,
एक लड़की की माँ है
चैन से जीती है।
 

सोलह की उम्र में
घर से भागकर शादी,
सत्रह की उम्र में
एक लड़की की माँ बन जाती है।
 

माँ-बाप गुज़रे थे,
चाचा-चाची से बचकर
भागी थी....
धूल अपनी ही आँखों में डालकर
एक गँवार के साथ भागी थी।
 

गँवार ने जो सपने दिखाए थे
घर, दौलत, ऐश-औ आराम
सब अपने बताए थे,
उन सपनो में खो जाने को वो..
ख़ुशी-ख़ुशी भागी थी।
 

पहले ही दिन
पति के दोस्त के घर, सोना पड़ा!
रात भर जागती रही!
पति और उसके दोस्त के इशारों
पर नाचती रही!
वो लड़की अनजान थी
भोली भाली नादान थी...
पति ने जो पानी का गिलास दिया था
उसमें नींद की दवाई थी।
 

क्या हुआ पूरी रात उसके साथ वो जान न पाई
सुबह उठी तो, एक अजीब सा दर्द था उसके सीने में
नाखूनों के निशान थे, बदन पर उसके
उसकी कोमलता को बदसूरत किया गया था।
 

दिन-महीने एक जैसे जा रहे थे
अब पति के नए-नए दोस्त आ रहे थे....शेष

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