मुझे तुमसे प्रेम नहीं है अंकित कुमार छीपा
मुझे तुमसे प्रेम नहीं है
अंकित कुमार छीपानहीं!
मुझे तुमसे
प्रेम नहीं है!
ना ही प्रेम है
उन समस्त कविताओं से
जो मैनें
लिखी हैं,
गढ़ी हैं,
तुम्ही से
तुम्हारे लिए...
मुझे प्रेम है
उन क्षणों से
जो तुम्हारे संग
गुज़रे और अमर हो गए,
जिनमें
न केवल
लिखी और गढ़ी गई
बल्कि अक्षर-अक्षर जी गईं
वो समस्त कविताएँ...