लोकतंत्र का आधार  Shubham Amar Pandey

लोकतंत्र का आधार

Shubham Amar Pandey

राजभोग के लालच में
उठा- पटक खूब जारी है,
नए श्रृंगालों की खाल ओढ़ाकर
सिंह बनाने की तैयारी है।
 

इस रचे रचाए साजिश में
अपमानित होता है जनता का जनाधार,
लोकतन्त्र पुजारियों, राजनीति पंडितों, कुछ तो बोलो,
क्या यही है लोकतंत्र का आधार ?

अपने विचार साझा करें




0
ने पसंद किया
1104
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com