लोकतंत्र का आधार Shubham Amar Pandey
लोकतंत्र का आधार
Shubham Amar Pandeyराजभोग के लालच में
उठा- पटक खूब जारी है,
नए श्रृंगालों की खाल ओढ़ाकर
सिंह बनाने की तैयारी है।
इस रचे रचाए साजिश में
अपमानित होता है जनता का जनाधार,
लोकतन्त्र पुजारियों, राजनीति पंडितों, कुछ तो बोलो,
क्या यही है लोकतंत्र का आधार ?