बेतुका प्रयास... Mohanjeet Kukreja
बेतुका प्रयास...
Mohanjeet Kukrejaमात्र कल्पना ही पर्याप्त है
कुछ लिखने के लिए…(!)
यह बात एक तथ्य है या
ऐसा मैं ही सोचता हूँ?
वैसे, ऐसा मैं सोचता नहीं,
सिर्फ़ कहता हूँ - औरों से
अपनी प्रेरणा को एक हसीन
पहेली बनाये रखने के लिए...
पर मैं पूरा सफल नहीं हूँ
अपने इस बेतुके प्रयास में;
क्योंकि रजनीगंधा की तरह...
धीमे से वह महकती है,
प्रतयक्ष किसी वास्तविक्ता सी
वह कहीं तो झलकती है
उसे समर्पित… मेरे लेखन में !