मुहब्बत Shubham Amar Pandey
मुहब्बत
Shubham Amar Pandeyसिर्फ इक अल्फाज़ नहीं
खुशियों की बुनियाद है मुहब्बत,
अलिखित, अपठित, अप्रदर्शित,
कोरे कागज़ की किताब है मुहब्बत।
वर्षों बाद इक बेटे को देखकर
माँ के आँसुओं की कतार है मुहब्बत,
स्वाती नक्षत्र की बूँद के लिए
सीप के अधरों की प्यास है मुहब्बत।
वर्षों इक बूँद के लिए
चकोरो का इंतज़ार है मुहब्बत,
बच्चों संग बच्चा बन जाना
ये दुलार है मुहब्बत।
आँखों में पलते हैं कीमती मोती
ये उन आँसुओं का ठहराव है मुहब्बत,
पक्षियों का कलरव करके प्रकृति को जगाना
ये उनका राग है मुहब्बत।
बछड़े को छटपटाता देख
गाय के स्तन से निकली दूध की धार है मुहब्बत,
बादलों द्वारा धरती की तपिश कम करना
ये बरसात है मुहब्बत।
जहाँ खुशियों का सूर्य न ढले
वो हसीन शाम है मुहब्बत,
कुदरत द्वारा बनाए गए एहसासों में
सबसे ख़ास एहसास है मुहब्बत।
इस जहाँ में सब हसते मुस्कराते रहें,
मेरे लिए तो सबका आशीर्वाद है मुहब्बत।