ध्वांतचर ! कोरोना  Anupama Ravindra Singh Thakur

ध्वांतचर ! कोरोना

Anupama Ravindra Singh Thakur

हे दानव! कोरोना,
अदृश्य रहकर तू
करता है हम पर वार,
नहीं देख पाते
हम तेरा प्रहार।
कायरों की भांति
अपने आप को छिपा कर,
विश्वभर में
तू कर रहा है नरसंहार।
बड़े-बड़े साम्राज्यों ने
मान ली होगी तुझ से हार,
पर हे राक्षस करोना!
भारत तुझ से
कमर कसकर
है लड़ने को तैयार।
इस बार न नारायण का
सुदर्शन चक्र चलेगा,
न गोवर्धन पर्वत हिलेगा,
न महिषासुरमर्दिनि का
त्रिशूल चलेगा,
हे कोरोणासुर!
केवल हाथ धोने से ही
तू मिट्टी में मिलेगा।
जानते हैं हम
है तुझमें
मायावी शक्तियाँ अपार,
हे दैत्य!
हमारे पास भी है
दिव्यास्त्रों का भंडार।
पर घर में रहकर ही
हम करेंगे तुझ पर वार,
जब नहीं करेगा कोई
घर की
लक्ष्मण रेखा पार,
तो तू हो जाएगा
बेबस और लाचार।
द्रुतगति से विचरण करने की
तेरी शक्ति
हो जाएगी बेकार,
न कर पाएगा तू
संक्रमण का कुटिल व्यवहार,
माननी होगी
हिंदुस्तानियों से
तुझे हार।
होना होगा तुझे
हिंदुस्तान से तड़ीपार,
देने तुझे शिकस्त
हम भारतवासी
है कमर कसकर तैयार।

अपने विचार साझा करें




0
ने पसंद किया
1543
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com