इतिहास में प्रेम Aman Aman Soni
इतिहास में प्रेम
Aman Aman Soniसमय के पास तुम्हें चूमने का कोई इतिहास शेष नहीं है,
मेरी कविताओं में दर्ज है केवल तुम्हारे होंठ,
चूमना अन्य अनैसर्गिक क्रियाओं की तरह बचा रहा।
अंतरिक्ष में एक तारा टूटता है
लगता है तुम्हारी पनीली आँख से टूट कर गिरी है कोई पलक
मै माँगता हूँ
अपने होने की अवस्था में
मैं, केवल मैं ही होऊँ
समय इन मन्नतों को भी नहीं करेगा दर्ज।
इतिहास नहीं याद रख पाएगा
मेरी कविताएँ और प्रेमगाथाएँ,
पर याद रखा जाएगा प्रेम
और भविष्य में
कोई फिर किसी को चूमेगा
बिना सोचे
कि समय के पास किसी को चूमना दर्ज नहीं होता।