प्रदूषण और प्रकृति  VIPIN KUMAR TYAGI

प्रदूषण और प्रकृति

VIPIN KUMAR TYAGI

प्रदूषण को कम है करना, प्रकृति को है बचाना,
डीजल व पेट्रोल वाहनों के प्रयोग को कम है करना,
इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को है बढ़ाना।
 

कूड़े, सूखे पत्तों, कागज़ आदि सभी चीज़ों को जलाने से है रोकना,
कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम है करना,
कोयले आधारित उद्योगों को बंद है करना,
बिजली आधारित उद्योगों को है बढ़ाना,
प्रदूषण को कम है करना, प्रकृति को है बचाना।
 

जल अनमोल है उसे है बचाना,
जल प्रदूषण को कम है करना,
उद्योग धंधों के प्रदूषित जल को
पृथ्वी के नीचे सीधे भेजने से है रोकना,
शहरों के प्रदूषित नालों को नदी में जोड़ने से है रोकना,
बिना जल को शुद्ध किए नदियों में जाने से है रोकना,
जल को किसी भी प्रकार के प्रदूषण से है रोकना,
प्रदूषण को कम है करना प्रकृति को है बचाना।
 

पृथ्वी की उर्वरक शक्ति को नष्ट होने से है रोकना,
खतरनाक खाद्य दवाईयों का प्रयोग है रोकना,
पॉलीथिन, प्लास्टिक आदि को
मिट्टी में मिलने से है रोकना,
मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बनाए है रखना,
फसल चक्र को है अपनाना,
मिट्टी के प्रदूषण को कम है करना,
प्रदूषण को कम है करना, प्रकृति को है बचाना।
 

पेड़ पौधों का कटान है रोकना,
कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम है करना,
वृक्षारोपण को जीवन में है अपनाना,
ग्लोबल वार्मिंग को कम है करना,
ग्लेशियरों को पिघलने से है रोकना,
जीवनदायिनी नदियों को प्रदूषण से है बचाना,
प्रदूषण को कम है करना, प्रकृति को है बचाना।

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