कर्मवीर Abhinav Kumar
कर्मवीर
Abhinav Kumarकर्मवीर,
यानि कर्मशील,
कर्मठता पुरुषार्थ सहित,
हिन्द हुआ इनपर गर्वित।
ये जैसे कि साहसी योद्धा,
जीवनदायी निर्मल पौधा,
ये खिलाड़ी, हम सब श्रोता,
उत्तरदायित्व से ना समझोता।
फ़ौजी रहता सरहद पर,
ये रक्षक मेरे अंदर,
अपनी जान हथेली पर,
मेरा ये परमेश्वर।
इसकी महिमा अपरमपार,
तप का इसमें है अंबार,
बड़ा अहम इसका किरदार,
ये जैसे मेरी तलवार।
सेना ने लिया संज्ञान,
दिल से व्यक्त किया सम्मान,
गदगद ख़ुश सारा आसमान,
नाज़, हर्ष, बेहद अभिमान।
पुष्प वर्षा कर ज़ाहिर जज़्बात,
जैसे हो स्वागत बारात,
अद्भुत नज़ारा प्रातः प्रभात,
हो ऊँचा मनोबल, दी सौगात।
आभार प्रकट, किया धन्यवाद,
बोले – “हिन्द है आपके साथ”,
दिल से दिल का था संवाद,
गहरी की एकता की खाद।
अनुग्रहित थे लड़ाकू विमान,
की फ्लाई पास्ट, अचंभित जहान,
दृश्य अनुपम, था कांतिमान,
नतमस्तक समक्ष देश की आन।
लाजवाब बेजोड़ था माध्यम,
उत्साह भरपूर, भरसक दमखम,
आँखें भावुक, समर्पित और नम,
मानो समय स्थिर, गया था थम।
काबिल-ए-तारीफ़ वो हौसला अफजाई,
चारों तरफ़ बस थी अच्छाई,
नमन करे जैसे परछाई,
धरती पर आ गई ख़ुदाई।
उस जज़्बे को किया सलाम,
हाथ जोड़े सिख हिन्दू इस्लाम,
हर जुबां पे ईश्वर नाम,
नफ़रत को लग गया विराम।
थी मिसाल, ये था आदर्श,
नभ ने धरा को किया स्पर्श,
थी शुक्रगुज़ारी, और था उत्कर्ष,
कर्मवीर रणधीर, ये ही निष्कर्ष,
कर्मवीर रणधीर, ये ही निष्कर्ष।