तुम्हारी लाडली  ABHISHEK KUMAR GUPTA

तुम्हारी लाडली

ABHISHEK KUMAR GUPTA

सुनो ध्याान से दुनिया वालों
कहते हैं हम बात भली,
हमें भी थोड़ा प्यार करो
हम सब भी तुम्हारी लाडली।
 

लिंग परीक्षण करवा करके
तुमने हमको मार दिया,
इस दुनिया में आने का हक
क्यों हमसे है छीन लिया?
एक लड़के के खातिर तुमने
दे दी हमारी आहुती,
हमें भी थोड़ा...........
 

माँ बनकर हमने तुमको
यह सुन्दर जग दिखलाया,
पत्नी बनकर संग तुम्हारे
खुद को जिन्दा जलवाया।
आज वही माँ तुम बच्चों से
अपना जीवन माँगती,
हमें भी थोड़ा...........
 

उस ईश्वर ने हमें बनाकर
संग तुम्हारे भेजा है,
बिन नारी के ये दुनिया क्या
वो ईश्वर भी अधूरा है।
उस ईश्वर की इस रचना को
क्यों दुनिया दुत्कारती,
हमें भी थोड़ा...........
 

अगर यही हालात रहे तो
एक दिन ऐसा आएगा,
बेटियों की किलकारी से जब
घर सूना हो जाएगा।
तुम सब के इस किए करम पर
रोएगी माँ भारती
हमें भी थोड़ा...........

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