संघर्ष सबका अपना है  Shilpi Kumari

संघर्ष सबका अपना है

Shilpi Kumari

आज भी संघर्ष है जारी,
इस बार लम्बी पारी की है बारी।
 

जो गरीब है उसे मार रही भुखमरी,
अमीर को बस जीतनी है दुनिया सारी।
संघर्ष सबका अपना है,
तो किसी के लिए तिजोरी ही बस सपना है।
 

कोई ऑफिस में बिता रहा रात​,
तो किसी को उसका काम नहीं दे रहा साथ।
बस उसकी पूछो मत​
जो खेत में सूरज की धूप से रहा है तप​,
संघर्ष सबका अपना है।
 

कुछ बच्चों के लिए सिर्फ पानी पी कर सोना है आम बात,
वो क्या जाने छप्पन भोग का स्वाद,
तो कुछ पिता के बल पर बनते है नवाब,
और वो बुनते रहते हैं अनेक ख्वाब,
संघर्ष सबका अपना है।
 

किसी के हवा में हैं पाँव,
तो कोई महाभारत का खेल रहा है दाँव​,
तो कोई किसी से कर रहा है अपना बचाव​,
संघर्ष सबका अपना है।
 

किसी की ख्वाहिश है सिर्फ़ रोटी कपड़ा मकान​,
तो किसी की क़दमों में हो पूरा आसमान।
उस सैनिक का संघर्ष भी है ज्यादा,
जो मरते दम तक देश से पूरा करता है अपना वादा,
संघर्ष सबका अपना है।
 

संघर्ष कर आगे बढ़​,
सफलता की चोटी चढ़​,
बस याद रखना, अपने आप को नहीं,
संघर्ष को है थकाना,
और इस दुनिया में अपना मुकाम है पाना।

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