कोराेना डॉ. राघवेंद्र कुमार पांडेय
कोराेना
डॉ. राघवेंद्र कुमार पांडेयऐसी महामारी आई सब ओर देखो भाई,
कोरोना के नाम से जिसे जग जानता;
त्राहि-त्राहि मच गई नगर से गाँव तक,
बचने को आज हर कोई दुआ माँगता।१।
रात दिन लगी रहती भीड़-भाड़ जहाँ-तहाँ,
सूने पड़े हाट बाट नदियों के घाट हैं;
भोर होते पूजा-पाठ गूंजते जो शंखनाद
मंद पड़े, मंदिरों के बंद जो कपाट हैं।२।
वाहनों में बैठ नित जिनका था आना जाना
पैदल हजारों किलोमीटर चले जाते हैं;
नन्हे-मुन्ने बच्चों और पत्नी को संग लेके
भूखे प्यासे झोला टाँगे घर चले आते हैं।३।
भारत की सरकार लोगों की जो दरकार
राज्यों के साथ कार्य करती महान है;
कोरोना से लोहा लेने वाले वीरों ने ही तो
जान को बचाया औ' बचाया ये जहान है।४।
सब की भलाई में ही अब और आगे भी
बंदिशें कुछ दिनों के लिए जरूरी हैं;
दाना मिले सबको खाना मिले सबको,
रोजी के लिए भी जारी कोशिशें पूरी हैं।५।
दूरियाँ बनाके रहना मुँह नाक ढंके रखना,
बाहर न जाएँ जब ना विशेष काम हो;
धैर्य और संयम का पालन करें सभी,
घर को बनाएँ जैसे सारा सुखधाम हो ।६।
धन्य है हमारा देश धन्य हैं सभी प्रदेश
देशवासी धन्य हैं जो श्रेष्ठ काम करते;
भारती का भाल सदा उच्च रखते जो लाल,
श्रद्धा से उनको हम प्रणाम करते ।७।
ईश की कृपा मिले सबके मन कमल खिलें,
नष्ट हों विपत्तियाँ कोई न अभाव हो;
ऐक्य और प्रेम भाव सब में रहे भरा,
अंतर में गंगा सा निरंतर प्रवाह हो ।८।
जय हिन्द।