योद्धाओं पर अभिमान  Shilpa Agarwal

योद्धाओं पर अभिमान

Shilpa Agarwal

मेरे देश का वीर योद्धा है,
मात-पिता की बगिया का वो पौधा है,
क्या कहूँ उसकी गाथा तुमको
महानता उसकी बहुत भाती है मुझको।
 

शौर्य की वो ऐसी मिसाल है
चाल भी उसकी एक गूँजती थाल है,
वाणी में उसकी भभकती ललकार है
शांति ही उसके जीवन का आधार है।
 

मिट जाता है पर न झुकता है
देशभक्ति का संदेशा दे जाता है,
टूट रही है मेरी साँसों की बागडोर अब
ऐ साथियों! लाज़ रखना मेरे देश की तुम सब।
 

सूना आज एक माँ का आंगन है
पर मृत देह पर भी उसको अभिमान है,
थम गई है कुछ चूड़ियों की खनखन आज
पर बिन बिंदिया भी है माथे में उसके साज।
 

बहते अश्कों पर भी होता फिर मुझको मान
देख कर उसके बेजान मुख की मंद-सी मुस्कान,
चल पड़ती मेरे निरीह हृदय की धड़कनें मंद-मंद
रक्त सनी काया भी जब उसकी कहती 'जय हिंद'।

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