अभिनंदन  Anupama Ravindra Singh Thakur

अभिनंदन

Anupama Ravindra Singh Thakur

जिसके नाम में ही
विजय परिलक्षित है
साहस का जो पर्यायवाची है,
विश्वास था हमें
वह पराक्रमी वीर
जीत कर ही लौटेगा।
 

दिलेर जांबाज़ के लिए
हर भारतीय के हृदय-यज्ञ में
प्रार्थना-आहुति पड़ रही थी,
करोड़ों आँखें रो रही थी,
हर ह्रदय से ईश्वर की गुहार थी।
 

कोटि-कोटि हाथ प्रार्थना में उठ रहे थे,
हर चेहरे पर गर्व के साथ विषाद था,
उसकी वतन वापसी की प्रतीक्षा में
चक्षु क्रन्दन कर रहे थे।
 

तभी रात्रि में
सूर्य नारायण सा
प्रकाश पुंज लेकर
वह वीर प्रकट हुआ,
अद्वितीय शार्दुल चाल
मुद्रा पर अनिल कांति,
चेहरे पर के निशान
अरि के असुरी उत्पीड़न का दृष्टांत देती
फिर भी विराट वक्ष
अक्षी पर सूजन
क्रूरता का प्रमाण देती।
 

फिर भी अधरों पर विजय मुस्कान
भाल पर गर्व किरिट धारण किए,
शत्रु को परास्त कर
समर भूमि से यशस्वी होकर
लौटा बहादुर वसुंधरालाल
हे ! अजातशत्रु , भारतीनंदन
स्वीकारो हम सबका अभिनंदन।

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