गणपति बप्पा मोरिया Prabhat Pandey
गणपति बप्पा मोरिया
Prabhat Pandeyबुद्धिविनायक पार्वतीनंदन, मंगलकारी हे गजबंदन,
वक्रकुंड तुम महाकाय तुम, करता हूँ तेरा अभिनंदन।
कंचन-कंचन काया तेरी, मुखमंडल पर तेज समाया है,
मूषक वाहन करो सवारी, मोदक तुमको प्यारा है।
भक्ति भाव में तेरी देखो, खोया ये जग सारा है
मोहनी मूरत सुन्दर सूरत, भोले बाबा के तुम प्यारे हो,
गौरी माता के लाल तुम्ही, तुम ही आँखों के तारे हो।
विघ्न हरण तुम विघ्न को हर लो, खुशियों से झोली को भर दो,
धन यश वैभव के भंडार भरो, हमारे सारे दुःख हरो।
दिशाहीन हम ज्ञानहीन हम, दिशा का तुम आधार बनो,
हे दुखहर्ता हैं हम भाग्यहीन, उदय हमारा भाग्य करो।
हे अंतर्यामी जग के स्वामी, पूजे तुमको सारा संसार है,
मेरी दुविधा दूर करो प्रभु, तेरी महिमा अपरंपार है।
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भारतीय शब्दावली में गणपति गणों के समूह को कहते हैं, यानी स्वास्थ्य, बुद्धि, स्वस्थ व्यवहार वाले व्यक्तियों का समूह। इस गणपति से ही हमारा आज का गणतंत्र बना है और इस गण यानी लोगों के समूह का उद्धार तब होता है, जब उनका ख्याल रखने वाला, उनका पालन करने वाला कोई उच्च गुणों वाला जन हो। ऐसे ही महान व्यक्तित्व का बखान करने के लिए मैंने यह कविता लिखी है .....