दौर फिर आएगा Rohit Kumar Singh
दौर फिर आएगा
Rohit Kumar Singhऐ वक्त, वक्त रख, वो दौर फिर आएगा
अपने गमों को संभाल वो खुशी फिर आएगा,
चराग जो बुझ गया है कोई उम्मीदों का
फिर नई सुबह के पहली किरण बन के आएगा।
ना मार मेरे दीवाने को पत्थर से
फिर कोई ऐसा रांझे-मजनू का प्रेम दोहराएगा,
कतरे से लिखी हो जिसने आज़ादी अपनी
थम जा जरा फिर कोई भगत सिंह बन के आएगा।
खून माँग कर आज़ाद कराया हो देश जिसने
फिर ऐसा कोई सुभाष चन्द्र बोस बन के आएगा,
लिपट कर तिरंगे से फिर कोई माँ का लाल आएगा
फिर लहू उसके कोई नई क्रांति लिखा जाएगा।
ऐ वक्त, वक्त रख, वो दौर फिर आएगा,
सोने की चिड़िया कहलाता, मेरा हिंदुस्तान वापस आएगा।