ख्वाईश पूरी कर दो ! Arun Mishra
ख्वाईश पूरी कर दो !
Arun Mishraरोज़ दिल से दिल लगाने की ख्वाईश पूरी कर दो!
आज मुझको आजमाने की ख्वाईश पूरी कर दो,
लफ़्ज़ों से बयां करते हैं साथ होगा नूर जैसा,
आज मुझको गले लगाने की ख्वाईश पूरी कर दो!
हमको तुम्हारे नैनों और नक्शों पे ही चलना है,
जो साथ तेरा होगा, तो दरिया पार करना है,
मेरे हाथों की हरी मेहंदी को, आज खुद से लाल कर लो,
रोज़ दिल से दिल लगाने की ख्वाईश पूरी कर दो!
जो हो चुकीं शून्य भावनाएँ उन्हें गिनतियों में भर दो,
लकीरों से भरे माथे को अधरों से लाल कर दो,
जीवन के घने भूगोल को प्यार का इतिहास कर दो,
रोज़ दिल से दिल लगाने की ख्वाईश पूरी कर दो!
आज मुझको गले लगाने की ख्वाईश पूरी कर दो!
अनकही शिकायतों को आज बेबाक कर दो,
खुशियों की नदियों को बहता समुंदर कर दो,
जो कह न सकी बातों से, आज इशारों से कर दो,
आज मुझको गले लगाने की, बस खवाईश पूरी कर दो,
आज मुझको आजमाने की, ख्वाईश पूरी कर दो!
रोज़ दिल से दिल लगाने की, ख्वाईश पूरी कर दो!