फिर आऊँगा गीत लिए  DEVENDRA PRATAP VERMA

फिर आऊँगा गीत लिए

DEVENDRA PRATAP VERMA

मत रोक मुझे अब जाने दे
ऐ मीत मेरे, मेरे साथी,
फिर आऊँगा गीत लिए
मनमीत मिलन के बाराती।
 

दूर चला जाऊँ कितना भी
हर पल तेरे पास रहूँगा,
तू खुश तो मैं भी खुश प्रियतम
तू नम तो मैं उदास रहूँगा।
 

सूना होगा घर का आँगन
सूने होंगे गलियारे,
मोती बनकर बरसेंगे
मेरे दो नैना कजरारे।
 

कजरारे नैनों में मेरी
यादों के कुछ पल रखना,
जब भी हो तन्हा तुम उनसे
जाकर अपना ग़म कहना।
 

दिल की बातें दिल ही जाने
नैनों को क्या समझाना,
तुझ बिन रोता है दिल मेरा
आँखें तो हैं एक बहाना।
 

छोड़ बहाने आँखों के
दिल से दिल मिल जाने दे,
मैं फिर वापस आऊँगा
अब अश्कों को थम जाने दे।

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