भक्त की पुकार Abhishek Pandey
भक्त की पुकार
Abhishek Pandeyहे मीरा के गीत कहो
कब अपना मीत बनाओगे?
बोलो उपनिषदों के श्लोकों
कब अमृत मुझ पर बरसाओगे?
हे गीता के अध्याय कहो
कब मुझको योग सिखाओगे?
हे परम सत्य शिव सुन्दर बोलो
कब हृदय-देश में आओगे?
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जब कोई भी व्यक्ति भोगों के पीछे छुपे दुःख और असंतोष को देख पाने में समर्थ हो जाता है तो वह संसार के मार्ग पर चलना छोड़ आत्मा की ओर मुड़ जाता है और अपनी मुक्ति हेतु वह परमपिता से विनती करता है, उसके सामने समर्पण कर देता है। भक्त की अपने परम गन्तव्य तक पहुँचने की चाह या तड़प का इस कविता में प्रस्तुतिकरण किया गया है।