उड़ता चल  Abhishek Pandey

उड़ता चल

Abhishek Pandey

उड़ता चल, उड़ता चल पंछी
ये मेघ अभी छँट जाएँगे,
हिम्मत का दामन थामे रख
तूफाँ भी सकल सिमट जाएँगे।
 

बस दो पल की ये रजनी है
छाएगा नवल प्रकाश अभी,
मत टूट बिखरने दे आशा को
छाएगा तेरा उच्छवास अभी।

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