हे ध्वज मेरे  Abhishek Pandey

हे ध्वज मेरे

Abhishek Pandey

हे ध्वज मेरे लहराते जा
बलिदानों पर इतराते जा,
वीरों के जयगानों को
तू शून्य गगन में गाते जा।
 

चाहे जितने ही शीश कटें
लाशों से धरती बहु बार पटे,
रो मत तू हर्षाते जा
हे ध्वज मेरे लहराते जा।
 

शक्ति की विकट आँधियों में
मत शीश झुका, फहराते जा,
हे ध्वज मेरे लहराते जा,
हे ध्वज मेरे लहराते जा।
 

जब देश लगे लेने अँगड़ाई,
वृद्ध लगे होने तरुणाई,
वीरों के तब सौरभ से,
मानस को नहलाते जा,
हे ध्वज मेरे लहराते जा,
हे ध्वज मेरे लहराते जा।

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