जीवन नौका खेते रहना Abhishek Pandey
जीवन नौका खेते रहना
Abhishek Pandeyये धूप छाँव चलती जाएँगी
कट फिर-फिर फसलें लहराएँगी,
निज जीवन नौका खेते रहना
ये लहरें आएँगी, जाएँगी।
कुछ पल को बदली छाएगी
रजनी अतिशय गहराएगी,
झंझावातों की तीव्र हवा
आशा कण भू पर बिथराएगी।
पर तुम आगे बढ़ते रहना
प्रतिमान नए गढ़ते रहना,
निश्चित ही सूरज निकलेगा
ये तिमिर मोम सा पिघलेगा।
तेरा जयगान भुवन में छाएगा
इतिहास तुझे दोहराएगा,
बस सृजन बीज सेते रहना
जीवन नौका खेते रहना।