तुमसे पहले और तुम्हारे बाद Shivam Parashar
तुमसे पहले और तुम्हारे बाद
Shivam Parasharबस तुम सही नहीं हो,
बस तुम नहीं जानते कि क्या होगा
आगे या क्या होना चाहिए।
वो तुम नहीं हो जो चलाता है
ये धरती और ये आकाश,
क्या वो तुम हो जिसने
इंसान को ज़िन्दगी दी है,
धरती थी और आकाश था
तुमसे पहले और तुम्हारे बाद।
और थे ये लोग हमेशा ही और रहेंगे
तुमसे पहले और तुम्हारे बाद,
काम होते थे पूरे
तुमसे पहले और तुम्हारे बाद,
शायद एक तिनका सा फर्क पड़े
जब तुम नहीं हो,
शायद दिल के किसी कोने में तुम्हारी याद रहे
अब जो तुम नहीं हो।