क्या चल रहा है? Deepak
क्या चल रहा है?
Deepakये साँसें ठहर रही हैं
दिल मचल रहा है,
ये किसकी नज़र लगी है
मेरे शहर में क्या चल रहा है।
ज़हर घुला है हवाओं में
या हवा जहर से जा मिली है,
कहीं जिस्म जल रहा है
कहीं शख्स जल रहा है।
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ये जो देश पर संकट आया है इसने सभी को भयभीत कर दिया है तथा ऐसा आघात दिया है जो मनुष्य को जीवन भर विचलित करता रहेगा। इस तरह की भयावह परिस्थिति पहले कभी देखने को नहीं मिली। किन्तु ये पल टूटने का नहीं अपितु अपने अंदर उस मनुष्य को जगाने का है जो दूसरे की सेवा करे और पूर्ण सहस से इस चुनौती का सामना करे।