राहें ज़िन्दगी की Manju Anand
राहें ज़िन्दगी की
Manju Anandआसान नहीं राहें ज़िन्दगी की,
यहाँ ज़िन्दगी जीने का मोल चुकाना पड़ता है!
अहसानों तले दबी
ठोकरें खाती ज़िन्दगी की डगर पर,
हर हाल में क़दम बढ़ाना पड़ता है!
कितना भी रोये आँखें,
ज़िन्दगी तुझे तो मुस्कुराना पड़ता है!
उलझनों की तारों में उलझी है यह ज़िन्दगी,
है जीना अगर तो,
हर तार को सुलझाना पड़ता है!
आसान नहीं राहें ज़िन्दगी की।