नारी अब तुझे ही लड़ना होगा  Deepak

नारी अब तुझे ही लड़ना होगा

Deepak

लुट रही हैं देख इज़्ज़त
अब भरे बाज़ार में,
कितना फर्क आ गया है
आदमी के व्यवहार में।
 

बेटियों, अब अगर जीना है तुमको,
आँखों मे आग...हाथों में हथियार रखना सीख लो,
हाथ ना काँपे अब तुम्हरा
जब वो हाथ दामन पर रखे,
ऐसी परिस्थिति से पहले खुदको
पत्थर सा तैयार करना सीख लो।
 

आख़िर कब तलक मोमबत्तियाँ लेकर
हम सब यूँ सड़को पर निकलेंगे,
ये जो हैवानियत का खेल चल रहा है
अब इसको तुमको ही बदलना होगा,
सीता माँ के पथ पर ना सही
लेकिन अब दुर्गा माँ के पथ पर चलना होगा,
नारी अब तेरी लड़ाई के लिए
तुझको ही खुलकर लड़ना होगा।

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