ज़िन्दगी की राह में CHANDRESH PRAGYA VERMA
ज़िन्दगी की राह में
CHANDRESH PRAGYA VERMAज़िन्दगी की राह में
बहुत लोग आते हैं,
हम करते हैं उनकी परवाह
वे अपने रंग दिखलाते हैं।
हम सोचते हैं दिल से
वो दिमाग लगाते हैं,
जितना हम झुकते हैं
वो उतना ही उठते जाते हैं।
दूसरे की राह में
जो खूब रोड़े बिछाते हैं,
पलट कर वही पत्थर
उनके सामने फिर आ जाते हैं।
ज्यादा होशियारी के चक्कर में
लोग खुद चक्कर खा जाते हैं,
जिसको जब मिलना है किस्मत में मिलेगा
यह लोग कभी समझ नहीं पाते हैं।
वक़्त दिखाता है आईना एक दिन
फिर भी लोग जीते भ्रम में जाते हैं,
अहंकार जब टूटता है एकाएक
खोते सब अपनों को जाते हैं।
एक दूसरे का कर सम्मान
जो रिश्तों को निभाते हैं,
ज़िन्दगी की राह में
वो ही "बहुत अच्छे" कहलाते हैं।