आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ Bhanu Pratap Singh Tomar
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ
Bhanu Pratap Singh Tomarआओ मिलकर वृक्ष लगाएँ
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ,
अपनी वसुधा को महकाएँ
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।
मानवता पर संकट आया
खतरा फिर से है मंडराया,
जल, थल और गगन मैं भी
खूब प्रदूषण है फैलाया।
फिर से वृक्ष लगाकर के हम
आओ फिर से ख़ुशी मनाएँ,
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।
धुँआ-धुआँ सा हुआ शहर है
अब तो हवाओं में भी ज़हर है,
साँस भी लेना अब है मुश्किल
खुद पर ढाया खुद ही कहर है।
इस सबका बस एक ही हल है
धरती माँ को हरा बनाएँ,
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।
प्रकृति का है मेल बिगाड़ा
हम सबने मिल खेल बिगाड़ा,
काटे पेड़, मिटाए जंगल,
भूल गए थे तब अपना कल,
अब भी वक्त है आओ मिलकर
अपने कल को फिर महकाएँ,
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ,
आओ मिलकर वृक्ष लगाएँ।