8 बजे का राज़  ABHISHEK KUMAR GUPTA

8 बजे का राज़

ABHISHEK KUMAR GUPTA

बातों में चपलता आती है
क्यों 8 बजे के बाद
चितवन मे चंचलता छाती है
क्यों 8 बजे के बाद
आदतें बदलने लगती हैं
क्यों 8 बजे के बाद
होंठो पर नशा छा जाता है
क्यों 8 बजे के बाद
आँखों में चमक आ जाती है
क्यों 8 बजे के बाद
चेहरे पर दमक आ जाती है
क्यों 8 बजे के बाद
हर अंग महकने लगता है
क्यों 8 बजे के बाद
दिल बेकाबू होने लगता है
क्यों 8 बजे के बाद
क्या नया घटित कुछ होता है
इस 8 बजे के बाद
क्या कोई मिलने आता है
इस 8 बजे के बाद
या किसी से बातें होती हैं
इस 8 बजे के बाद
अब खोल भी दो
हैरान हूँ मैं
इस 8 बजे का राज़

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