बाबुल के आँगन की चिड़िया बलकार सिंह हरियाणवी
बाबुल के आँगन की चिड़िया
बलकार सिंह हरियाणवीएक दिन तो तुझे उड़ जाना है!
जिसके संग में खाई-खेली
छोड़ उसी को जाना है !
महक रही उपवन की डाली
घर आँगन महकाना है!
चाेतरफा हो उजियारा
दीपक की तरह जल जाना है!
हे मालिक! तू ये तो बता
क्या ये तेरा पैमाना है!
जिसकी कोख से जन्म लिया
छोड़ उसी को जाना है!
भर आए बाबुल के नैना
बिटिया को चले जाना है!
बेशक भूले जग सारा
बाबुल को भूल ना जाना है!