जंग क्यों ?  SUBHASH NAAGAR

जंग क्यों ?

SUBHASH NAAGAR

तिरंगे में लपेटे एक वीर की बलिदान आई
एक माँ की जान उस दिन बेजान आई
यानी मेडल.. उनके बहादुरी का प्रमाण था
एक बहन के इंतजार का क्या यही अंजाम था
क्या जंग इसलिए कि कितनी गोलियाँ कितने सीने को पार गईं
एक पत्थर दिल बीवी..., अपना सुहाग तो हार गई
काश एक गहरा नींद होता, वो जगाता कि बाबूजी आप क्यों सो रहे हो
काश एक बुरा ख्वाब होता, वो चुप कराता कि बाबूजी आप क्यों रो रहे हो

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