ये रास्ते Anjana Kumari
ये रास्ते
Anjana Kumariये जो रास्ते बड़े बेगाने हैं
कुछ अनदेखे से फसाने हैं,
कहीं खिली तेज़ धूप है
तो कहीं चंद्रमा सा रूप है।
कहीं बिछते फूलों की बहार है
तो कहीं कांटों की भरमार है,
कहीं संगम की पुरवाई है
तो कहीं अकेली सी तन्हाई है।
ये रास्ते अनजान बड़े हैं
मुसाफिरों से भरे पड़े हैं,
बदलते मौसम सा ये सवाल है
कहीं पतझड़ तो कहीं सावन सा हाल है।
ये रास्ते फिर भी अकेले हैं,
बस लगते मंज़िलों के मेले हैं।