नफरत को जड़ से है मिटाना VIPIN KUMAR TYAGI
नफरत को जड़ से है मिटाना
VIPIN KUMAR TYAGIसभी को मिलजुलकर है रहना,
नफरत को जड़ से है मिटाना,
हम सब एक ही ईश्वर की हैं संतान,
हम सब को साथ रहने के लिए एक ही जन्म है मिला,
इसको आनंद के साथ है बिताना,
नफरत को जड़ से है मिटाना।
हमारे सभी गांव भी हैं एक परिवार,
हमारे सभी राज्य भी हैं एक परिवार,
हमारे सभी देश भी हैं एक परिवार,
यह विश्व भी है एक परिवार,
सभी परिवारों को मिलजुलकर है रहना,
नफरत को जड़ से है मिटाना।
हमें न तो क्षेत्र के आधार पर है लड़ना,
हमें न तो धर्म के आधार पर है लड़ना,
हमें न तो भाषा के आधार है लड़ना,
हमें न ही जाति या वर्ण व्यवस्था के आधार पर है लड़ना,
हमें तो प्यार से है रहना,
नफरत को जड़ से है मिटाना।
हमें न तो अमीर गरीब के आधार पर है लड़ना,
हमें न ही कमजोर शक्तिशाली के आधार पर है लड़ना,
हमें न ही विकसित विकासशील के आधार पर है लड़ना,
हमें तो प्यार से है रहना,
नफरत को जड़ से है मिटाना।
हमें अपने संसाधनों को मिल-बाँटकर प्रयोग है करना,
हमें अपनी खुशियों को मिल-बाँटकर है मनाना,
हमें बिना भेदभाव के साथ-साथ है रहना,
हमें खुशियों के साथ है रहना,
नफरत को जड़ से है मिटाना।
हमें साथ मिलकर विकास है करना,
सभी को रोज़गार भी है देना,
किसी को भूखा नहीं सोने है देना,
सभी की खुशियों को साथ-साथ है मनाना,
नफरत को जड़ से है मिटाना।
सभी को मिलजुलकर है रहना,
नफरत को जड़ से है मिटाना।