बुढ़ापा एन्जॉय करने लगे हैं!  Rakhi Jain

बुढ़ापा एन्जॉय करने लगे हैं!

Rakhi Jain

आज लोग बुढ़ापा एन्जॉय करने लगे
अब खुलकर हँसने और जीने लगे,
खुद को पोते-पोतियों में नहीं उलझाते
अपने जैसे दोस्तों संग ये वक्त बिताते।
 

कोई लाचारी, बेबसी, उदासी अब नहीं दिखती
अब इनकी ज़िन्दगी इनकी शर्तों पर गुज़रती,
कभी ये गाने गाते, कभी ठुमके लगाते,
अपनी कहानी सुनाते, खुलकर मुस्कुराते।
 

इनकी किट्टियाँ होती, जन्मदिन मनाते,
अपनी पेंशन खुद पर ही ये लुटाते,
ना ताना मारते, ना बहुओं की सुनते,
अपने अधूरे सपने इस उम्र में बुनते।
 

फेसबुक यूट्यूब के ये दीवाने होते,
इनके भी किस्से फ़साने होते,
इनको भी दोस्तों का इंतजार होता,
पार्क में रोज़ यारों का जमघट होता।
 

अब के बुजुर्ग समझने लगे
ज़िन्दगी के बचे लम्हें जीने लगे,
समझ गए साथ कुछ नहीं जाने वाला,
तो खुशनुमा लम्हें ये सहेजने लगे।

अपने विचार साझा करें




0
ने पसंद किया
384
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com