मुर्दाघर सलिल सरोज
मुर्दाघर
सलिल सरोजजब शरीर लाश में
परिणत होता है,
तो उसे घर से
बेटी की तरह
पराया कर दिया जाता है
और
जो बाँहें पसारे उसका
इंतज़ार करता है
वो है-
मुर्दाघर।
फूल,धूप,चंदन,अक्षत
भभूत,दूब, अगरबत्ती
घी,गंगाजल,सिंदूर
अब मृत शरीर से चिपट जाते हैं।
मुर्दाघर
ही प्रथम सोपान
है स्वर्गारोहण का,
निर्वाण और कैवाल्य प्राप्ति का
शरीर और आत्मा
के विरोधाभाष के
अंत्येष्टि की।