मैं लिखता हूँ तो भूख मिट जाती है -पेट और आत्मा दोनों की।
मुर्दाघर
1205 1
मेरी दादी
1274 0
औरतें
1412 0
अभी तलक बाकी है
1545 0
तब मेरा गाँव मुझे याद आता है
1791 1
मिलना कभी उन गलियों में
1368 1
बेटी बचेगी, तो ही पढ़ेगी
1258 0
इस चाराग़री में सब होशियार हैं
1372 0
मुल्क ही अगर नहीं होगा
1332 0
कुछ सलीका खुदा को भी सीखना चाहिए
1385 1
बस आसमान को बाँटना बाकी है
1217 0
सच की लाश मिली
1333 0
आँखों में धुँआ क्या है
1277 1
जब मिलता हूँ आदतन मुस्कुरा देता हूँ
1353 0
ग़ज़ल का मक़सद और मौजूँ क्या है
1181 0
इश्क़ किया और आग से खेलता रहा
1239 0
शान्त उसका हुस्न-ए-बरहम ही कब था
1170 0
निगाहों का पर्दा कहाँ था
1337 0
जबसे मैं मेरा ही न रह गया
1105 0
कौम बातों से कैसे बहल जाएगा
1152 0
तेरे ख़्वाब लेके मैं आँखों में
1189 0
पसीने से तरबतर भोर है कैसा
1128 1
तू रसूक बनकर सबको फुसलाता क्या है
1315 0
थोड़ी रियायत भी देनी थी
1112 0
गर्दन भी रोज़ दबाता है
1188 0
गुनाह यहाँ रोज़ होता है
चोरी-छिपे ही मोहब्बत निभाता रहा
1289 0
आज़ादी को भी नई आज़ादी चाहिए
1271 0
नहीं है आरज़ू कि फिर से बेटी बनूँ
1122 0
इस हसीन शहर में बसिए ज़रा
1278 0
ये दौर-ए-इम्तेहान है
1059 0
कभी हंगामा कभी जलसा होता रहा
1190 1
बदलते दौर में इज़्ज़तदारों का खानदान हूँ
प्रेम-विरह
1076 0
आज का अखबार आ गया
1071 0
ऐ मेरे मन
1347 0
रातों को छत पे बुलाते क्यों रहे
1179 0
हम फिर तन्हा रह गए
1158 1
अपना वजूद
1130 1
उसकी आँखें
1086 0
चाक पे गढ़ी औरतें
1341 1
वैश्या
1555 1
औरत होने का समीकरण
1576 1
अहसास विकलांग नहीं होते
1128 2
शिखर का सच
1219 1
जीवन और मृत्यु
1374 2
ठहरे हुए पानी में आग लगाना आता है
1286 1
इंसान होने के मायने
1140 1
मैं उजालों का ही शौकीन हूँ
ये प्रकरण कहाँ से शुरू होता है
1575 1
किताब में कैद एक गुलाब
1580 2
बलात्कार से पहले और बलात्कार के बाद
1940 2
मेरी कविताओं का दर्द
1916 1
मैकदा और मीना अच्छा लगता है
1140 0
मुझे नयन कारे-कारे ला के दे दो
1091 1
इश्क़ कभी औरों के भरोसे किया है क्या
1084 0
खुद को तुझमें समाता चला गया
1361 1
रस्म की शुरुआत मेरे बाद कीजिए
1067 1
मुझे मत दिखा अभी ये चाँद सितारे
वो जब से लौट आए से मेरे शहर में
1122 1
मुझको अफवाहों से डराता है क्या
1069 0
गर हो तुम्हारी इज़ाज़त
1079 0
औकात दिखाना आता है
1642 0
तू मेरा कल नहीं, तू मेरा आज नहीं
1039 0
होता नहीं
1238 1
काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए
1211 1
#मी टू, #ही फ़ॉर सी से कुछ बदलेगा नहीं
1030 2
यकीनन माली का बहा हुआ खूँ होगा
1683 1
इन लहजों ने कुछ तो छिपा रक्खा है
1388 2
गुमनाम आज़ादी
इंसान सरहदों से कहीं बढ़कर है
1088 0
वो सुनता बहुत है तुम्हारी बातों को
1036 2
ज़ुबानें हो गईं गाली-गाली
1033 1
रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है
1105 1
बच्चों को गिरने पड़ने भी दीजिए
1123 1
तू मिलना अब मुझसे तो
1131 1
क्या तुझे भी मुझ सा दीवाना याद आता है
1154 1
अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा
1010 1
आप बेरुखी से खिखिलाते रहिए
972 1
अफवाह
994 1
मुझे मेरी मौत का फरिश्ता चाहिए
इंसानियत क्या है
1177 1
वो सीने से लगकर यूँ रो दिए
1071 1
अपने तिरंगे में ही प्राण रखता हूँ
1055 1
माना वक़्त बुरा है तो मर जाएँ क्या
997 0
तुम्हारी महफ़िल में और भी इंतज़ाम हैं
968 0
वो हिन्दुस्तान हर घड़ी दिखाएँगे
1000 1
न जाने किनका ख्याल आ गया
1027 1
यहाँ अब जीना भी मुहाल है
988 1
रोटी की जात नहीं पूछा करते
1125 1
ये न पूछ कि वो मेरा क्या लगता है
1051 1
उसकी आँखों में कहीं गंगाजल रहता है
1022 1
मुक्त करो भगवन को आज!
1044 1
न जाने फ़िज़ाओं में क्या हुआ होगा
1013 1
अगर तेरा नूरानी हुस्न चुरा सकता मैं
1090 1
सब हादसे दिन में मुक़म्मल होते नहीं
1025 1
खूबियाँ साथ ले के चलो
953 1
मेरी अच्छाई ही मुसीबत है मेरी
1015 1
सच को झूठ से और कितना बदलोगे
1084 1
लक्ष्मी,दुर्गा और सरस्वती
1057 0
मोहर
1045 0
ज़िंदा दिखो भी
1025 0
यह संभव है
1074 0
ज़िन्दगी केवल ही शर्त नहीं
1224 0
मोहब्बत का शौक़ीन नया समाज नहीं
914 1
ज़मीर में सलामत मुआमला रखिए
1020 1
अब मेरी समझ में आता है
988 0
कौन मेरे गुनाहों पर पर्दा डाल देता है
1075 2
मेरा दिल मानो कि गुलाब सा खिल गया
अदाओं में बहार लेके चलते हैं
1056 2
जितना हो सके, आसमाँ छेकते रहिए
943 1
कुछ कर सकते नहीं तो, मर जाते क्यूँ नहीं
1037 0
अभी आँखें बंद रहें तो ही सही
906 1
दवा करो तो फिर दुआ भी करो (नज़्म)
1085 1
वो सवाल से डरता बहुत है
935 2
अमूमन क्या होता है
875 1
ये कैसी बेख़बरी है
कितने वक़्त से जुबां से कोई बात निकाली ही नहीं
827 1
रंग गोरा ही देते
912 1
छोड़ आए
764 1
सुनिए
759 2
राजपथ की स्त्रियाँ
परीक्षाएँ
1304 1
लड़कियाँ जब प्रेम पत्र लिखती हैं
1420 1
औरत
690 1
खुद रंग
809 1
अमूर्त
783 1
विधवा
1242 2
मुझे भाषण जुमलों से भरपूर नज़र आते हैं
756 1
खुदा से दुआ में हाथों का उठाना खत्म हुआ
840 1
अच्छे और बुरे सब बिक जाने लगे हैं
किरदार
692 1
अपनी लाश उठाने की सोचता हूँ
बुरा मत कहो
927 1
वो बुढ़िया
मुलाक़ात
810 1
बारिश को अब बचा लो तुम
830 1
तुम्हारे सिवा और आदत क्या है
771 1
मत समझो कि ये घना कोहरा है
738 0
इश्क़ ने ये कमाल किया
681 0
खुदाई से मेरा कोई सरोकार नहीं है
716 1
यूँ ही कातिल के हाथ में खंज़र नहीं आता
610 0
जीत जाने की बस इतनी सी शर्त है
589 0
यह सदी की सबसे नायाब बीमारी है
626 0
दर्द बहता रहे तो अच्छा है
724 1
जवान होती लड़कियाँ
755 1
कैसे हैं खेत, कैसा है कुआँ का पानी कहो
877 1
लाचारी
747 1
सामान्य
गाँव और बरगद
891 1
प्राण-प्रिय
1616 1
भय
752 1
खर-पतवार
729 1
बूँदें
612 1
तुम्हारा होना
603 1
मैं और मेरी कविता
320 1
सभ्यता की स्थापना
308 1
निमित्त प्रेम
310 1
आज फिर एक बुद्ध की तलाश है
294 1
कोई तो
266 1
आईना
219 0
तुम ही तुम
180 0