मैं लिखता हूँ तो भूख मिट जाती है -पेट और आत्मा दोनों की।
मुर्दाघर
1520 1
मेरी दादी
1613 0
औरतें
1621 0
अभी तलक बाकी है
1818 0
तब मेरा गाँव मुझे याद आता है
2268 1
मिलना कभी उन गलियों में
1658 1
बेटी बचेगी, तो ही पढ़ेगी
1541 0
इस चाराग़री में सब होशियार हैं
1694 0
मुल्क ही अगर नहीं होगा
1666 0
कुछ सलीका खुदा को भी सीखना चाहिए
1682 1
बस आसमान को बाँटना बाकी है
1517 0
सच की लाश मिली
1723 0
आँखों में धुँआ क्या है
1556 1
जब मिलता हूँ आदतन मुस्कुरा देता हूँ
1640 0
ग़ज़ल का मक़सद और मौजूँ क्या है
1474 0
इश्क़ किया और आग से खेलता रहा
1545 0
शान्त उसका हुस्न-ए-बरहम ही कब था
1513 0
निगाहों का पर्दा कहाँ था
1663 0
जबसे मैं मेरा ही न रह गया
1429 0
कौम बातों से कैसे बहल जाएगा
1465 0
तेरे ख़्वाब लेके मैं आँखों में
पसीने से तरबतर भोर है कैसा
1394 1
तू रसूक बनकर सबको फुसलाता क्या है
1604 0
थोड़ी रियायत भी देनी थी
1450 0
गर्दन भी रोज़ दबाता है
1519 0
गुनाह यहाँ रोज़ होता है
1403 0
चोरी-छिपे ही मोहब्बत निभाता रहा
1571 0
आज़ादी को भी नई आज़ादी चाहिए
1586 0
नहीं है आरज़ू कि फिर से बेटी बनूँ
1371 0
इस हसीन शहर में बसिए ज़रा
1636 0
ये दौर-ए-इम्तेहान है
1424 0
कभी हंगामा कभी जलसा होता रहा
1493 1
बदलते दौर में इज़्ज़तदारों का खानदान हूँ
1513 1
प्रेम-विरह
1557 0
आज का अखबार आ गया
1375 0
ऐ मेरे मन
1701 0
रातों को छत पे बुलाते क्यों रहे
1512 0
हम फिर तन्हा रह गए
1504 1
अपना वजूद
1458 1
उसकी आँखें
1447 0
चाक पे गढ़ी औरतें
1676 1
वैश्या
1847 1
औरत होने का समीकरण
1946 1
अहसास विकलांग नहीं होते
1479 2
शिखर का सच
1499 1
जीवन और मृत्यु
1756 2
ठहरे हुए पानी में आग लगाना आता है
1589 1
इंसान होने के मायने
1433 1
मैं उजालों का ही शौकीन हूँ
1548 1
ये प्रकरण कहाँ से शुरू होता है
1938 1
किताब में कैद एक गुलाब
1907 2
बलात्कार से पहले और बलात्कार के बाद
2317 2
मेरी कविताओं का दर्द
2271 1
मैकदा और मीना अच्छा लगता है
1418 0
मुझे नयन कारे-कारे ला के दे दो
1328 1
इश्क़ कभी औरों के भरोसे किया है क्या
1383 0
खुद को तुझमें समाता चला गया
1628 1
रस्म की शुरुआत मेरे बाद कीजिए
1392 1
मुझे मत दिखा अभी ये चाँद सितारे
1501 1
वो जब से लौट आए से मेरे शहर में
1505 1
मुझको अफवाहों से डराता है क्या
1352 0
गर हो तुम्हारी इज़ाज़त
1351 0
औकात दिखाना आता है
2076 0
तू मेरा कल नहीं, तू मेरा आज नहीं
1364 0
होता नहीं
1521 1
काजल करने के लिए ताज़ा खूँ चाहिए
1534 1
#मी टू, #ही फ़ॉर सी से कुछ बदलेगा नहीं
1307 2
यकीनन माली का बहा हुआ खूँ होगा
2019 1
इन लहजों ने कुछ तो छिपा रक्खा है
1734 2
गुमनाम आज़ादी
1331 1
इंसान सरहदों से कहीं बढ़कर है
1408 0
वो सुनता बहुत है तुम्हारी बातों को
1365 2
ज़ुबानें हो गईं गाली-गाली
1341 1
रिश्ते निभाने में बहुत वक़्त लगता है
1376 1
बच्चों को गिरने पड़ने भी दीजिए
1488 1
तू मिलना अब मुझसे तो
1464 1
क्या तुझे भी मुझ सा दीवाना याद आता है
1484 1
अगली पीढ़ी का बोझ कौन उठाएगा
1292 1
आप बेरुखी से खिखिलाते रहिए
1267 1
अफवाह
1277 1
मुझे मेरी मौत का फरिश्ता चाहिए
1431 1
इंसानियत क्या है
1560 1
वो सीने से लगकर यूँ रो दिए
1350 1
अपने तिरंगे में ही प्राण रखता हूँ
1421 1
माना वक़्त बुरा है तो मर जाएँ क्या
1345 0
तुम्हारी महफ़िल में और भी इंतज़ाम हैं
1264 0
वो हिन्दुस्तान हर घड़ी दिखाएँगे
1379 1
न जाने किनका ख्याल आ गया
1324 1
यहाँ अब जीना भी मुहाल है
1327 1
रोटी की जात नहीं पूछा करते
1459 1
ये न पूछ कि वो मेरा क्या लगता है
1335 1
उसकी आँखों में कहीं गंगाजल रहता है
1321 1
मुक्त करो भगवन को आज!
1368 1
न जाने फ़िज़ाओं में क्या हुआ होगा
1333 1
अगर तेरा नूरानी हुस्न चुरा सकता मैं
सब हादसे दिन में मुक़म्मल होते नहीं
1365 1
खूबियाँ साथ ले के चलो
1255 1
मेरी अच्छाई ही मुसीबत है मेरी
1364 1
सच को झूठ से और कितना बदलोगे
1378 1
लक्ष्मी,दुर्गा और सरस्वती
1380 0
मोहर
1339 0
ज़िंदा दिखो भी
1322 0
यह संभव है
1333 0
ज़िन्दगी केवल ही शर्त नहीं
1549 0
मोहब्बत का शौक़ीन नया समाज नहीं
1235 1
ज़मीर में सलामत मुआमला रखिए
1316 1
अब मेरी समझ में आता है
1331 0
कौन मेरे गुनाहों पर पर्दा डाल देता है
1335 2
मेरा दिल मानो कि गुलाब सा खिल गया
अदाओं में बहार लेके चलते हैं
1401 2
जितना हो सके, आसमाँ छेकते रहिए
1211 1
कुछ कर सकते नहीं तो, मर जाते क्यूँ नहीं
1346 0
अभी आँखें बंद रहें तो ही सही
1184 1
दवा करो तो फिर दुआ भी करो (नज़्म)
1374 1
वो सवाल से डरता बहुत है
1284 2
अमूमन क्या होता है
1175 1
ये कैसी बेख़बरी है
1300 1
कितने वक़्त से जुबां से कोई बात निकाली ही नहीं
1179 1
रंग गोरा ही देते
1290 1
छोड़ आए
1032 1
सुनिए
1046 2
राजपथ की स्त्रियाँ
1508 1
परीक्षाएँ
1661 1
लड़कियाँ जब प्रेम पत्र लिखती हैं
1695 1
औरत
1020 1
खुद रंग
1104 1
अमूर्त
1057 1
विधवा
1720 2
मुझे भाषण जुमलों से भरपूर नज़र आते हैं
1079 1
खुदा से दुआ में हाथों का उठाना खत्म हुआ
1154 1
अच्छे और बुरे सब बिक जाने लगे हैं
1155 1
किरदार
977 1
अपनी लाश उठाने की सोचता हूँ
1226 1
बुरा मत कहो
वो बुढ़िया
1387 1
मुलाक़ात
1143 1
बारिश को अब बचा लो तुम
1159 1
तुम्हारे सिवा और आदत क्या है
मत समझो कि ये घना कोहरा है
1080 0
इश्क़ ने ये कमाल किया
992 0
खुदाई से मेरा कोई सरोकार नहीं है
1036 1
यूँ ही कातिल के हाथ में खंज़र नहीं आता
972 0
जीत जाने की बस इतनी सी शर्त है
982 0
यह सदी की सबसे नायाब बीमारी है
936 0
दर्द बहता रहे तो अच्छा है
जवान होती लड़कियाँ
1046 1
कैसे हैं खेत, कैसा है कुआँ का पानी कहो
1182 1
लाचारी
1098 1
सामान्य
1246 1
गाँव और बरगद
प्राण-प्रिय
1966 1
भय
1106 1
खर-पतवार
976 1
बूँदें
932 1
तुम्हारा होना
916 1
मैं और मेरी कविता
591 1
सभ्यता की स्थापना
622 1
निमित्त प्रेम
आज फिर एक बुद्ध की तलाश है
556 1
कोई तो
530 1
आईना
485 0
तुम ही तुम
480 0