मेरे घर के आँगन में गूँजी आज किलकारी है Jay Singh Yadav
मेरे घर के आँगन में गूँजी आज किलकारी है
Jay Singh Yadavचाँद के जैसा मुखड़ा है,
कलियों की जैसी कोमल है।
मेरे घर के आँगन में,
गूँजी आज किलकारी है।
मम्मी को जग से प्यारी है,
पापा को जग से न्यारी है।
दादी की आंख का तारा है,
दादा की तो नायक है।
मेरे घर के आँगन में,
गूँजी आज किलकारी है।
बहना की प्यारी दिदिया है,
तो भाई की छोटी गुड़िया है।
चाची के सपनों की रानी है,
चाचा की बिटिया रानी है।
मेरे घर के आँगन में,
गूँजी आज किलकारी है।
नानी की राजकुमारी है,
नाना की राज दुलारी है।
मामी की कन्याकुमारी है,
मामा की वो तो दुलारी है।
मेरे घर के आँगन में,
गूँजी आज किलकारी है।
मौसी के आँचल की रानी है,
मौसा को सबसे निराली है।
मेरे घर के आँगन में,
गूँजी आज किलकारी है।