सुनिए सलिल सरोज
सुनिए
सलिल सरोजसवाल किया है तो जवाब भी सुनिए,
दबी आवाज़ों का इंक़लाब भी सुनिए।
सिर्फ सिखाते ही मत रहिए बच्चों को,
उन की निगाहों का ख्वाब भी सुनिए।
कितना रोक सकेंगे नदी को बाँधों में,
बलखाते पानी का रूबाब भी सुनिए।
सब कुछ लिख डाला अमीरों के नाम,
एक दिन गरीब का अभाव भी सुनिए।
मर्द होके हर बात पे परेशाँ हो जाते हैं,
सहमी हुई औरत का दबाव भी सुनिए।
किस तरह से तुमको अच्छा ही सुनाएँ,
हम से कभी तो कुछ खराब भी सुनिए।