याद तुमको भी आता हूँगा मैं! कौशल कुमार जोशी "कृष्णा"
याद तुमको भी आता हूँगा मैं!
कौशल कुमार जोशी "कृष्णा"याद तुमको भी आता हूँ क्या मैं?
बिलकुल वैसे ही, जैसे तुम मुझे याद आते हो,
याद तुमको भी आता हूँ क्या मैं?
वैसे मैं वो ही हूँ जो...
जो कभी तुम्हारे साथ पढ़ता था,
मुझसे एक रोज़ मेरी कॉपी भी तो माँगी थी तुमने,
और मेरी लिखावट की तारीफ़ भी की थी,
और वो झगड़ना मेरे साथ!
शायद! तुम भूल गए होगे!
याद अब कहाँ आता हूँगा मैं!
कुछ अरसे बाद फिर तुमसे मिलना हुआ था,
पल दो पल ठहरे भी थे तुम,
कुछ बातें भी हुई थी,
और फिर चल दिए थे अपनी राह,
या फिर मैंने ही अपनी बेवक़ूफ़ी में,
शायद! खो दिया था तुम्हें,
पर यक़ीं मानो...
जिस मोड़ पर तुमने राह बदल ली थी,
वहाँ से मैं अब भी देखता हूँ तुम्हें,
और सुना है मंज़िल पा गए हो तुम!
पर पिछली ज़िंदगी के पन्ने,
पलट देखोगे जो कभी!
मेरा नाम बस पढ़ लेना,
ये बात और है कि...
याद अब तो नहीं आता हूँगा मैं!
पर जब भी कोई हिचकी होती है मुझे,
तुम्हारा नाम लेके थामने लगता हूँ,
और कोई हिचकी थम जाए गर किसी पल,
तो इतराता हूँ ख़ुद पर,
अपनी तक़दीर पर,
और इस तरह यक़ीन कर लेता हूँ,
फुसला लेता हूँ ख़ुद को,
कि हो ना हो..
याद तो तुमको भी आता हूँगा मैं,
याद तो तुमको भी आता हूँगा मैं।