सभ्यता की स्थापना सलिल सरोज
सभ्यता की स्थापना
सलिल सरोजक्या तुम बता सकते हो,
सभ्यता की स्थापना कैसे होती है?
सिकन्दर के पोरस पर चढ़ाई कर के,
गज़नी की बर्छी से नृशंस वक्षों की रक्तक्षुधा मिटाकर,
बेबीलोनिया और मेसोपोटामिया में नरबलि चढ़ा के,
उत्तरवैदिक काल में मानव को सवर्ण और दास बना के,
मिश्र में लहू से विशालकाय पिरामिड बना के,
मिंग के मस्तक पे चीन की धज्जियाँ उड़ा के,
पहलवी द्वारा ईरान की वीरान बना के,
बमों के ढेर पर रोहिंग्या और बलूची की लाश बिछा के,
या फिर,
बुद्ध की भाँति ज्ञान-पुँज में लीन हो के,
साम्य धर्म का पाठ पढ़ानेवाले कन्फ्यूसियस हो के,
मदर टेरेसा की तरह पीड़ा की पीर बन के,
मार्टिन लूथर जैसे वर्ण भेद का तीर बन के,
ईशु के जैसे दूसरों की गलती छिपा के,
या फिर गांधी के समान "बैष्णव जन" बना के।